कोरोना और टूट कर घर लौटी जिंदगी।

वह हजारों किलोमीटर पैदल चलकर घर जाने की कोशिश कौन भूल सकता है। कौन भूल सकता है उस मार्मिक दृश्य को, वह बेबसी वह हताशा वह सब खो जाने का डर चेहरे से साफ नजर आते थे। दूसरे कोरोना के लहर ने इस बेबसी की तस्वीर में और अधिक स्याह रंग भर दिया।

लॉकडाउन में जीवन को भरपूर जीने की मनोवैज्ञानिक कुंजी

रख्यात अमेरिकी कलाकार एंडी वारहॉल का कथन है “हमेशा कहा जाता है कि समय चीजों को बदलता है, लेकिन आपको वास्तव में उन्हें खुद को बदलना होगा”.